डुमरी के ग्रामिणों का पुलिस से उठा भरोसा, करने लगे पलायन – नवादा |
पुलिस की बार बार गलत बयानी से परेशान हैं ग्रामीण
जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के डुमरी गांव के ग्रामिणों का पुलिस से भरोसा समाप्त हो गया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण गांव छोड़ पलायन कर रहे हैं। ऐसा 12 जनवरी की रात ग्रामिणों पर ढाये गये पुलिसिया जुल्म के बाद हुआ है। यहां तक कि विधायक मो. कामरान की ग्रामिणों से गांव न छोड़ने की अपील भी काम नहीं आ रही है।
पुलिसिया तांडव व रजौली एसडीपीओ पंकज कुमार व पुलिस अधीक्षक के अलग अलग विरोधाभासी बयान ने व खनन विभाग तथा थानाध्यक्ष द्वारा अलग अलग ग्रामिणों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के बाद अब पुलिस ने एक नया शिगूफा छोड़ा है।
पहले किसी पुलिसिया तांडव से एसडीपीओ व एसपी ने इंकार करते हुए कार्रवाई को उचित करार दिया था।
अब एक नया शिगूफा छोड़ा गया है। कहा जा रहा है कि पुलिसिया कार्रवाई के पूर्व आरोपियों को गिरफ्तार करने गयी पुलिस पर 12 जनवरी की देर रात पुलिस पर हमला किया गया।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 14 जनवरी को पुलिस अधीक्षक जांच में डुमरी पहुंचे थे तब ऐसा क्यों नहीं कहा? छह दिनों के बाद ऐसा बयान देकर वे क्या सिद्ध करना चाहते हैं? क्या इतने दिनों बाद ग्रामिणों के विरुद्ध एक और प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी? ऐसे बहुत सारे प्रश्न पुलिस के सामने है जिसका जबाब देना होगा?
यही कारण है कि ग्रामीण पुलिसिया भय के मारे गांव से पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं तो पुलिस रक्षक के बजाय भक्षक की भूमिका निभा रही है।