के. के. पाठक की चेतावनी का असर नहीं, नियोजित शिक्षकों ने निकाला मशाल जुलूस ,विरोध में लगाए नारे.. – नवादा |
रवि रंजन |
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक की चेतावनी के बाद भी बिहार के नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा को लेकर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।नियोजित शिक्षक संघों ने 13 फरवरी को विधानसभा के घेराव की घोषणा की है। इस घोषणा के तहत इन शिक्षकों का आन्दोलन शुरू हो गया है। इस कड़ी में नियोजित शिक्षक आज बिहार के कई जिलों में मशाल जुलूस निकाल कर विरोध जता रहे हैं।
इस कड़ी में ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा के विरोध मे नियोजित शिक्षक ने नवादा में मशाल जुलूस निकाला। मशाल जुलुस में अपर मुख्य सचिव के के पाठक मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
ऑनलाइन समक्षता परीक्षा के विरोध में शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के तहत सभी शिक्षक संघ मिलकर शहर के सड़कों पर मशाल जुलूस निकाला।
नियोजित शिक्षकों ने कहा कि सूबे के सभी स्तर से नियोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण है। ऐसे में दक्षता और पात्रता परीक्षा उतीर्ण बाद सक्षमता परीक्षा का कोई औचित्य ही नही है । सरकार सिर्फ सक्षमता परीक्षा के माध्यम से नियोजित शिक्षकों का छंटनी करना चाहती है।
संघ के जिलाध्यक्ष राम जी प्रसाद ने कहा की सरकार की नियोजित शिक्षकों के प्रति मंशा साफ नही है । सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बीपीएसी परीक्षा ऑफलाइन ली है और ले रही है जिसमे युवा और नये शिक्षक बहाल हो रहे हैं, वहीं सक्षमता परीक्षा सरकार ऑनलाइन लेने की तैयारी कर रही है।उन्होंने शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन को सफल बनाने की शिक्षकों से अपील की ।